आज रामदेव ने एक नयी स्टेटमेंट जारी “देश में देवासुर संग्राम हो रहा है। जहा देवत्व का प्रतिनिधित्व नरेंद्र मोदी कर रहे है” क्या कोई इस शुद्र बाबा राम देव से पूछेगा कि ब्राहमणों ने रामदेव और मोदी को कब से ब्राह्मणों का देवता होने का अधिकार दिया है? रामदेव “यादव” शुद्र है और मोदी “तेली” शुद्र है, और शुद्र होते हुए भी ब्राह्मणों के पक्ष में लड़ाई कर रहे है। क्या इसे शुद्र द्रोह नहीं माना जाना चाहिए? क्या ऐसे ही शुद्र द्रोहियों के कारण आज मूलनिवासियों की स्थिति ऐसी हो गई है कि वो ब्राह्मणों, राजपूतों और वैश्यों की गुलामी करने को मजबूर है? अब इन दो मुर्ख शूद्रों को कौन समझाए कि ब्राह्मणवादी ना तो कभी किसी शुद्र के हुए है और ना कभी होंगे। ब्राह्मणों के शंकराचार्य ने तो अपने व्यान में साफ़ साफ़ कह दिया है कि मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए। वाराणसी में हुई घटना भी इस बात का प्रमाण है कि मोदी को आज भी तथाकथित ब्राहमण वर्ग अछूत मानता है, अगर मोदी को ब्राहमण वर्ग या हिंदू वर्ग अछूत नहीं मानता तो मालवीय की मूर्ति को गंगाजल से हरगिज ना धोया जाता।
रामदेव जोकि ब्राह्मणों का भड़वा है उसको ये भी नहीं पता कि पुराने जमाने में देव समाज ब्राह्मण समाज को कहा जाता था। ब्राहमणों के उसी नीच समाज के लोग दूसरे ब्राह्मणों की औरतों के साथ मनचाहा व्यव्हार कर सकते थे। नियोग प्रथा के अनुसार ब्राह्मण उतम संतान की प्राप्ति के लिए अपनी औरते इन देव ब्राहमणों को देते थे। देव समाज के ब्राह्मण उन औरतों को भोग कर उनके गर्भवती होने तक उनसे मनचाहा व्यवहार करते थे। अब रामदेव बताये कि ऐसे ब्राह्मणों को देव कहना कहा तक उचित है? क्या ऐसे ही ब्राह्मणों का नेतृत्व मोदी और रामदेव कर रहे है? क्या मोदी और रामदेव आज शुद्र समाज के साथ द्रोह नहीं कर रहे? मूलनिवासियों को ब्राहमणों के छल कपट में फंसना, धर्म के नाम पर भावनात्मक रूप से मूलनिवासियों को बरगला कर ब्राह्मण धर्म को मानने के लिए कहना, शूद्रों के खिलाफ ब्राह्मणों का नेतृत्व करना, शुद्र हो कर ब्राह्मण धर्म का प्रचार प्रसार करना, ब्राह्मणों के झूठे और पाखंडी भगवानों को मानने के लिए मूलनिवासियों को बहकाना, क्या ये सब शुद्र द्रोह नहीं है?
मोदी भी ब्राह्मणवादी राजनितिक पार्टी बीजेपी का नेतृत्व कर के सिर्फ शूद्रों के साथ ही धोखा कर रहे है। मोदी से पूछा जाये कि आज तक कितने शुद्र देश के प्रधान मंत्री बने? कितने शुद्र देश की वायुसेना, जलसेना या आर्मी के अध्यक्ष बने? आज तक ब्राहमणों ने किसी भी शुद्र को देश के शीर्ष पदों तक नहीं पहुँचाने दिया। तो मोदी को कैसे पहुँचने देंगे? अगर मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को +272 मिल भी जाएँगी तो भी अंत में ये ब्राह्मणवादी मोदी को हटा कर किसी ब्राहमण को ही देश का प्रधान मंत्री बनायेंगे।
आखिर कब तक यह सब चलता रहेगा? कब तक शुद्र समाज के लोग बेबकुफ़ बने ब्राह्मणों के पक्ष के लड़ कर अपने ही भाई बंधुओं के गले काटते रहेंगे? कब तक शुद्र अपने ही भाई बंधुओं की गद्दारी की सजा भुगतता रहेगा? इस लिए आप सभी से प्रार्थना है ऐसे शुद्र द्रोहियों का साथ ना दे। यह शूद्रों का देश है ब्राह्मणों, राजपूतों और वैश्यों के कहने पर वोट ना दे। सिर्फ मूलनिवासी नेताओं को ही वोट दे कर विजेता बनांए। अपने देश में मूलनिवासियों के सरकार और शासन स्थापित करे। -जय भीम! जय शुद्र संघ!!
Apun to samaj k ayesi hi chatokaro se hi to safal nahi ho pa rahe hai.
Log kehte hai ki bhagvan buddha vishnu ka avtar hai
Pls usaka khulasa karke details me samjaiye