लेखक: आकाश सूर्यवंशी
इंडिया के इतिहास पर नज़र डाली जाये तो एक बात समझ आती है कि इस देश का नाम समय समय पर बदला गया है। ईसा से पहले जब इस देश पर मूलनिवासियों का शासन था तो इस देश का नाम चमारदीप था और यहाँ के निवासियों को चमार कहा जाता था। समय के साथ इस देश में यूरेशियन आये तो पुरे चमारदीप का नाम पहले जम्बारदीप और बाद में जम्बूदीप कर दिया गया। 800 से 900 ईसवी में जब युरेशियनों ने जब पुष्यमित्र शुंग के नेतृत्व में मूलनिवासियों पर विजय हासिल की और देश से बौद्ध धर्म का नाश किया तो देश का नाम आर्यवर्त कर दिया गया। 1400 ईसवी में भक्तिकाल आया एक बार फिर सभी मूलनिवासी एक जगह इक्कठे होने लगे। यूरेशियन फिर से घबरा गए तो मनु नाम के आर्य ने मनुस्मृति लिख कर देश में ब्राह्मण प्रधान व्यवस्था को स्थापित किया। मनु ने अपने बड़े बेटे के नाम पर देश का नामकरण भारत किया। 1949 में डॉ भीम राव आंबेडकर के नेतृत्व में एक बार फिर देश का नाम बदलने की आवाज़ उठी तो देश का नाम दोनों संसद के सदनों में पुरे समर्थन के साथ इंडिया रखा गया। लेकिन आज भी ब्राह्मणवादी लोग इस देश को भारत कह कर पुकारते है। ताकि ब्राह्मणवादी ब्यवस्था को जीवित रखा जा सके।
डॉ भीम राव आंबेडकर ने इस देश का नाम इंडिया बहुत सोच समझ कर रखा था। भारत जहाँ ब्राह्मणवाद को प्रोत्साहित करता था, वही इंडिया सिंधु घाटी की सभ्यता को प्रोत्साहित करता है। अंग्रेजी में यह बात ज्यादा अच्छे से समझी जा सकती है “India Stand for Indus Valley Civilization.” अर्थात इंडिया सिंधु सभ्यता को सामने लाता है जो मूलनिवासियों की सभ्यता थी। सिंधु सभ्यता समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय पर आधारित सभ्यता थी। इसी लिए डॉ. भीम राव आंबेडकर ने यह नाम संसद के दोनों सदनों को सुझाया. और दोनों सदनों ने पूर्ण बहुमत के साथ इस नाम को स्वीकार भी किया।
देश के लिए भारत और हिंद जैसे शब्द का प्रयोग करना देश के अपमान करने जैसा है और यह पूर्णत संविधान का भी उलंघन है। भारतीय संविधान के मुताबिक WE THE PEOPLES OF INDIA…. जिसका अर्थ है हम इंडिया के लोग अर्थात वो मूलनिवासी लोग जो इंडिया के मूलनिवासी है ना कि वो लोग जो देश के बाहर से इस देश में आये है।
दूसरे तरीके से शाब्दिक अर्थों में भी देखा जाये तो भी समझ आ जाता है कि भारत और इंडिया में क्या अंतर है:
1. भारत का अर्थ है:
भा= भाट = ब्राह्मण
रत= लीन
अर्थात ब्राह्मणों की भक्ति में जो लीन है वही भारत है।
2. INDIA= INDUS VALLEY CIVILIZATION
इंडिया= सिंधु घाटी की सभ्यता
यहाँ इंडिया का प्रयोग INDUS के सन्दर्भ में किया गया है अर्थात जो लोग INDUS VALLEY CIVILIZATION / सिंधु सभ्यता से संबंध रखते है उनका देश।
इस प्रकार हम देखते है कि बाबा साहब ने इस देश का नाम भी बहुत सोच और समझ कर रखा है और हमे एक सन्देश दिया है उस महान सभ्यता के समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व और न्याय पूर्ण शासन को स्थापित करने का, जिसको पूरा विश्व सिंधु घाटी की सभ्यता या INDUS VALLEY CIVILIZATION के नाम से जानता है। लेकिन आज भी बहुत से लोग इंडिया के लिए भारत और हिंद जैसे तुच्छ शब्द का प्रयोग करते है। अगर उनसे पूछा जाये तो दलीले देते नज़र आते है कि इंडिया का हिंदी में अनुवाद भारत होता है. लेकिन कैसे होता है इसका उनके पास कोई जबाब नहीं होता।
थोड़े में कहा जाये तो भारत ब्राह्मणवादियों के देश है जहाँ धर्म, जाति और पंथ के नाम पर लोगों को लुटा जाता है। लोगों को वर्णव्यवस्था जैसी कुव्यवस्था के द्वारा आपस में बांटा जाता है। मानवता के मूल्यों का इस देश में कोई सम्मान नहीं करता ये लोग पाखंडी, आडम्बरवादी, अन्धविश्वास, अंधभक्ति फैलाने वाले लोग है। जबकि दूसरी तरफ सिंधु घाटी की सभ्यता अपने आप में महान थी। आज भी सिंधु घटी की सभ्यता का लोहा पूरी दुनिया मानती है। अत: हमारी सभी मूलनिवासियों अर्थात एससी, एसटी, ओबीसी और आदिवासियों के प्रार्थना है कि देश के लिए इंडिया का प्रयोग करे। बाबा साहब के सपनों का भारत कभी नहीं बन सकता लेकिन इंडिया जरुर बनाया जा सकता है।
But it is mentioned in our constitution also: ”India, that is Bharat….”
वासनिक जी… प्रस्तावना पढ़े… मुझे भी बताये कहा लिखा है जो अपने अपने कमेन्ट मैं लिखा है?? 🙂
Jaibheem
In the preamble part I
THE NANE AND ITS TERRITORY
1 India that ia Bharat shall be a union states .
kindly refer the constitution of india
जितेन बौद्ध अगर ऐसा होता तो क्या बाबा साहब देश का नाम बदलते? आखिर क्यों बाबा साहब ने देश का नाम इण्डिया रखा? जरुरत ही क्या थी?
आप जिस पार्ट की बात कर रहे हो.. वो ब्राह्मणों द्वारा परिभाषित पार्ट है.. आज भी संविधान को परिभाषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के बहुत से जज और विद्वान बैठते है.. उन में से मूलनिवासियों के कितने जज और विद्वान होते है?
कभी इस पर भी विचार कर लिया करो.. या ब्राह्मणों ने जो कह दिया वही सच मान लिया जाये? आखिर कब तुम लोग ब्राह्मणों की बातों को आँखे मुंद कर सच मानते रहोगे?
sach hai
आपकी बात से मैं सहमत हूँ । लेकिन बाबा साहब ने भी अपने आप को भारतीय बताया हैं।
Jai Bheem !! Namo Buddhay !!
Kindly give the link to download constitution of india’s original copy. Because i too downloaded constitution of india pdf to verify the same in which just in the beginning of preamble it is written : India that is Bharat shall be union state. It may not be original version of constitution; so please put the link to download the original copy of the same.
Sry misspelled *beginning of preamble it is.
“We are Indians firstly and lastly”
Dr.B.R.Ambedkar
bharat naam ko aap ne galat tarike se mention kiya hai ye kisi bhi aary putar ke naam pe nai rakha gya tha kk.
The preamble attached with the article is having some typographical errors due to which the credibility of the article attracts some reasonable questions. It is, therefore, requested to kindly clarify or correct the errors e.g. Word brief, unit etc.
Regards
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Akash ji ac Indian constitution article 1 said that India that is Bharat ye ekmev article aisa hai ki iska translation babasahab nee khud hi kar diya wo isliye ki agar aisa na Kiya Jaye to ye log is desh ko Hindustan Hindustan na kahe aur Bharat isliye aya hai ki is desh bharat nam ka mulnivasi raja ka rajya tha.